वास्तु शास्त्र के आदर्शो द्वारा घर में समृद्धि आकर्षित करें

Rita Deo Rita Deo
New York City Family Home, JKG Interiors JKG Interiors Kitchen Marble
Loading admin actions …

हर कोई घर में शान्ति और खुशहाली का माहौल चाहता है जिससे तन और मन भी स्वस्त रहे पर कई बार छोटे-छोटे मिथ्याबोध और गुस्से में कही हुई बातें से रिश्तों में कड़वाहट घुल जाती है। वास्तु शास्त्र में कहा जाता है की अगर घर में चीज़ें अस्तव्यस्त रखी हो तो इस तरह की परेशानिया आती रहेंगी, इसलिए उचित रंग, तत्व और युक्तियाँ अपनाये और आंगन में खुशिओं को आमंत्रित करें।

अगर आपके घर में स्वस्थ और पैसो से सम्बंधित मुसीबतें अंतहीन लग रही हैं तो भी वास्तु शास्त्र के युक्तियाँ अपना कर इन्हे दूर कर सकते हैं। इस सहस्राब्दी तकनीक में कुछ लोग भले ही विश्वास न करें  पर यह सच है की वास्तु शास्त्र की युक्तियाँ  से घर में घर जो सद्भावना और निश्चयात्मकता की लहर घर में फैलती है उससे एक निश्चित संतुलन का बना रहता है । क्या आप जानना नहीं चाहेंगे की वह कौन से युक्तियाँ हैं जिनसे घर में समृद्धि, खुशहाली और सद्भावना का वातावरण बना रहे?

1. गारंटीकृत सुरक्षा

चाहे प्रवेश द्वार छोटा हो या बड़ा, हर कोई चाहता है की इसमें से सिर्फ खुशियां और समृद्धि का प्रवेश हो जो सबके जीवन में शांति बनाये रखे । पर सिर्फ सोचने के कुछ नहीं होता फल पाने के लिए कार्य करना होता है और अगर आप घर में खुशहाली लाना चाहते हैं तो प्रवेश द्वार को प्रभावशाली बनायें। हर घर का प्रवेश द्वार घर की मुखिया की तरह आने वालो का हर दिन स्वागत करता है इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि दरवाज़ा हमेशा सुन्दर और स्वच्छ रहे और जिसे देखते ही अंदर जाने को दिल करे। दरवाज़े के पास सुन्दर पौधों से सजावट करने के इलावा यहाँ फूल और रंगो से अलंकार कर सकते हैं ताकि प्रवेश द्वार पारम्परिक घरो जैसा आकर्षक लगे ।

2. रसोई घर को साफ रखें

क्योकि सद्भाव रंग और सुन्दर शैलियों के माध्यम से एक सौन्दर्यपूर्ण घर की रचना की जाती है ताकि वहां सकारात्मक ऊर्जा का सञ्चालन हो, वास्तु शास्त्र में भी स्वच्छता एक केंद्रीय विषय है। रसोई एक ऐसा स्थान है जिसे दिन में कई बार प्रयोग किया जाता है जिसके कारन यहाँ गन्दगी का जमाव होना स्वाभाविक है। लेकिन अगर हम अपने घर में बहुतायत को आकर्षित करना चाहते हैं तो हमें वो सब कार्य करने होंगे जिनसे रसोई  भी घर के बाकी हिस्सों की तरह स्वच्छ और व्यवस्थित रहे और हर तरफ साफ़-सुथरा वातावरण हो।

3. सौम्य रंगो का प्रयोग करें

आर्थिक आधिक्य के प्रतिक माने जाने वाले रंग जैसे लाल, बैंगनी और हरे रंग को हम घर के सजावट में सम्मिलित करने के लिए उन्हें फर्नीचर विवरण या वस्त्रों में शामिल कर सकते हैं। चाहें तो दीवारों में भी इन रंगो का सज्जा के मुताबिक चयन कर सकते हैं जिससे घर में झट से नवीनीकरण और परिवर्तन हो  गया है और शायद अच्छे भाग्य को आमंत्रित भी करे।

4. बहुतायत का प्रतीक—पानी

वास्तु शास्त्र में चार तत्वों का ख़ास महत्व है क्योकि इनके सही उपयोग से घर में सद्भाव और ऊर्जा प्रवाह बना रहता। इन सब तत्वों में पानी के कई विशेषताएं है क्योकि ये न केवल जीवनदायनी है बल्कि पानी बहुतायत का प्रतीक भी है। इन्हे विशिष्ट गुणों के कारन पानी को महत्वपूर्ण सज्जा के रुप में घर की किसी भी हिस्से में सजा सकते हैं जैसे यहाँ चाहे बगीचे में एक छोटा सा फ़व्वारा पानी का ऐसा स्रोत है जो जल्दी टूटेगा नहीं पर इसे समय-समय पर साफ करने की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

5. अनावश्यक चीजें जमा न करें

चूंकि यहाँ बात घर में अव्यवस्था हटाने और स्वछता की प्रवाह बनाये रखने की हो रही है तो क्यों न ऐसी सजवाट करें जिससे बिखरे वस्तुए व्यस्थित तरीके से रखे जा सकें और कमरे में स्थिरता आये। इस तरह के खुले डिज़ाइन वाली अलमारी से काम स्थान में बड़ा भण्डारण स्थान बन सकता है जिसमे हर तरह के छोटे बड़े किताबो के साथ सजावट की वस्तुएं भी रखीं जा सकती हैं ।घर के हर हिस्से में ऊर्जा के प्रवाह की अनुमति बनाये रखने के लिए पथ से बाधाएं दूर करना जरूरी है ताकि घर में बहुलता का प्रवाह बने रहे।

6. बहुतायत का प्रतीक—मछली

जल की तरह मछली भी  बहुतायत का प्रतीक हैं और इसे किसी भी आकर में घर की सज्जा के रूप में या अपने ऊपर गहनों के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। वास्तु के नियमो का पालन करने वाले अक्सर घर में छोटे से एक्वेरियम को सजाते हैं ताकि जल और मछली दोनों का संगम हो और घर में प्रसन्नता तथा धन की कमी कभी न हो। अगर मछली का टैंक यानि एक्वेरियम चुनते हैं तो ध्यान रखना चाहिए की वो साफ हो और उसमे मछलिया स्वस्थ हों।

7. मोमबत्तियाँ और क्रिस्टल या माणभ

मोमबत्तियाँ सद्भाव का प्रतीक है और घर के सजावट में इन्हे जोड़ने से अंदर की ऊर्जा में सकारात्मक बदलाव भी जुड़ेगा जिससे निश्चित रूप से अद्वितीय शांति का वातावरण बना रहेगा। यहाँ पर मोमबत्तियों के के साथ क्रिस्टल को संक्रमित किया गया है जो ऊर्जा में नया संचार भरने के साथ-साथ इस स्थान की भी शोभा बढ़ाता है। क्रिस्टल ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत माना जाता है जो कई रंगो और आकारों में पाए जाने के कारण घर में सज्जा और पवित्रता लेन में सहायक होते हैं ।

8. रौशनी और खुशहाली से भरपूर

जिस तरह घर में साफ सफाई का महत्व है उसी तरह रौशनी का भी महत्वा है जिसे हर बुराई का नाश करने वाला माना जाता है। घर में सहज महसूस करने के लिए रौशनी ज़रूरी है चाहे वो कृत्रिम हो या प्राकृतिक ताकि चारो और सुंदरता और खुशहाली का माहौल बना रहे । वास्तु के सिद्धांतो के मुताबिक घर का वो स्थान जो परिवार के सदस्यों को पसंद हैं या जहा सब मिलजुलकर ख़ुशी के पल बिताते हैं वहीँ सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का जन्म होता है ।

यदि आप अपने घर में वास्तु के नियमो को लागू करना चाहते हैं, तो इस तरह घर की सफाई करना न भूलें  ।

Need help with your home project?
Get in touch!

Highlights from our magazine